चर्चा विषय
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गीत:- निर्माणों के पावन युग मेंनिर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें |
स्वार्थ साधना की आंधी में वसुधा का कल्याण न भूलें || माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है किन्तु डूबना मझधारों में साहस को स्वीकार नही है जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसन्धान न भूलें || शील विनय आदर्श सिस्टता तार बिना झंकार नही है शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी यदि नैतीक आधार नहीं है कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान न भूले || आविष्कारों की कृतियों में यदि मानव का प्यार नही है सृजनहीन विज्ञान व्यर्थ है प्राणी का उपकार नही है भौतिकता के उत्थानों में जीवन का उत्थान न भूलें || ------------- |